लेजर का आविष्कार किसने किया?

नमस्कार दोस्तों स्वागत हैं आपका हमारे इस नए लेख में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर लेजर का आविष्कार किसने किया? दोस्तों यदि आप नहीं जानते हैं कि लेजर का आविष्कार किसने किया? तो कृपया इस लेख को आखिर तक जरूर पढ़ें।

यदि आप एक स्टूडेंट हैं या फिर एक व्यक्ति हैं जो कि किसी Competition Exam कि तैयारी कर रहे हैं तो कृपया इस लेख को जरूर पढ़ें क्योंकि परीक्षाओं में यह सवाल अधिकतर पूछा जाता है कि लेजर का आविष्कार किसने किया?

तो चलिए जानते हैं कि लेजर का आविष्कार किसने किया?

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लेजर क्या है?

लेजर का फुल फार्म होता है LASER=Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation यह एक ऐसा विद्युत चुम्बकीय विकिरण है जो प्रेरित उत्सर्जन कि प्रक्रिया द्वारा उत्पन्न किया जा सकता है। इसलिए हम कह सकते हैं कि लेजर भी एक विद्युत चुंबकीय तरंग ही है।

लेजर का आविष्कार किसने किया?

पहला लेज़र 1960 में ह्यूजेस रिसर्च लेबोरेटरीज में थियोडोर एच. मैमन द्वारा चार्ल्स हार्ड टाउन्स और आर्थर लियोनार्ड श्वालो के सैद्धांतिक कार्य पर आधारित था।

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एक लेज़र तब बनाया जाता है जब गैसों में विशेष ग्लास, परमाणुओं या परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन विद्युत प्रवाह या किसी अन्य लेजर से ऊर्जा प्राप्त करते हैं और “उत्तेजित” होते हैं। उत्तेजित इलेक्ट्रॉन निम्न-ऊर्जा कक्षकों से उच्च-ऊर्जा कक्षकों की ओर गति करते हैं।

लेजर का उपयोग कई सर्जिकल प्रक्रियाओं जैसे LASIK नेत्र शल्य चिकित्सा में भी किया जाता है। निर्माण में, लेजर का उपयोग सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला को काटने, उत्कीर्णन, ड्रिलिंग और चिह्नित करने के लिए किया जाता है।

लेजर के उपयोग क्या है?

कई क्षेत्रों में आज लेजर का उपयोग किया जाता है चलिए कुछ मुख्य को जानते है-

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संचार में

ग्लास फाइबर के ऑप्टिकल पाइप के माध्यम से लेजर किरणों को प्रेषित किया जाता है। इस सूचना के माध्यम से संकेतों को बिना किसी बाधा के बहुत लंबी दूरी तक पहुँचाया जाता है। टेलीफोन, केबल टीवी भविष्य में, इंटरनेट आदि के मिश्रित संदेश ऑप्टिकल फाइबर और लेजर के माध्यम से भेजे जा सकते हैं।

वायु प्रदूषण का पता अब लेजर से लगाया जा सकता है

सर्वेक्षण में लेजर किरणों को एक निश्चित दिशा में भेजा जा सकता है। ये किरणें पानी के नीचे भी जा सकती हैं, जिसके आधार पर गहरे समुद्र तल के नक्शे बनाए जा सकते हैं। समुद्र के स्तर के तापमान वितरण का एक ग्राफ बनाया जा सकता है। समुद्र तल में स्थित गैस और तेल के बारे में भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

मौसम के अध्ययन में

लेजर किरणों की सहायता से बादलों, मौसम, आर्द्रता आदि के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

चिकित्सा के क्षेत्र में

चिकित्सा के क्षेत्र में लेजर का उपयोग बहुत आगे बढ़ चुका है। इसका उपयोग विभिन्न रोगों जैसे रेटिना, कैंसर, नेत्र रोग, बिना चीरे की सर्जरी, हृदय रोग आदि के उपचार में किया जाता है। इसकी मदद से बिना चीरे के सर्जरी संभव हो गई है, क्योंकि यह न केवल रक्त वाहिकाओं को काटती है बल्कि उनसे तुरंत जुड़ भी जाती है।

हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज होने की स्थिति में सर्जरी के लिए छाती की हड्डियों को तोड़कर सर्जरी की जाती है, जिसमें मरीज को काफी तकलीफ होती है, लेकिन लेजर के इस्तेमाल से यह ऑपरेशन काफी आसान हो गया है। पहले इस ऑपरेशन में अधिक समय लगता था, लेकिन अब समय की भी बचत होती है। इसकी मदद किडनी में स्टोन को तोड़ने के लिए ली जाती है। 1963 में न्यू इंग्लैंड मेडिकल सेंटर के वैज्ञानिक थ्रुफ्ट्स ने इसकी मदद से पहली बार ‘कैंसर के ऑपरेशन’ में सफलता हासिल की।

लेजर का आविष्कार कब और किसने किया?

लेजर का आविष्कार थियोडोर एच मैमन ने किया था।

लेजर का आविष्कार कब हुआ?

लेजर का आविष्कार 1960 में किया गया था।

लेजर किरण में कितने रंग होते हैं?

लेजर प्रकाश का ही रूप है इसलिए इसमे भ 7 रंग होते है।

आज आपने क्या सीखा?

तो दोस्तों आज कि इस लेख मे मैंने आप सब को बताया कि आखिर लेजर का अविष्कार किसने किया तथा इसका पूरा इतिहास क्या है साथ ही हमने इसके उपयोग के बारे में भी चर्चा की।

दोस्तों यदि आपको मेरा यह लेख लेजर का आविष्कार किसने किया? अच्छा लगता है तो कृपया इसे अन्य लोगों तक भी शेयर करें।