Reality Gulzar Quotes on Life:- जीवन उतार-चढ़ाव, खुशियों और दुखों, सफलताओं, असफलताओं के बीच की एक रहस्यमयी यात्रा है। यह एक रहस्य है जिसे हम सभी अपने-अपने अनूठे तरीके से सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। एक व्यक्ति जिसने अपने काव्य छंदों के माध्यम से जीवन के सार को खूबसूरती से कैद किया है, वह हैं गुलज़ार, महान भारतीय कवि और गीतकार।
गुलज़ार का लेखन अपनी सादगी, गहराई और ईमानदारी के लिए जाना जाता है। वह अपने शब्दों के माध्यम से भावनाओं को जगाने और ज्वलंत चित्रों को चित्रित करने की क्षमता रखते हैं। इस ब्लॉग में, हम Reality Gulzar Quotes on Life पर सबसे अच्छे कोट्स को आपके सामने रखेंगे।
तंग नहीं करते हम उन्हें आज कल, ये बात भी उन्हें तंग करती है।।
न जाने कौन सी शिकायतों का, हम शिकार हो गए। जितना दिल साफ़ रखा, उतना गुनहगार हो गए।।
पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो। कोई पुरानी तमन्ना, पिघल रही होगी।।
तुमने तो कहा था, हर शाम हाल पूछेंगे तुम्हारा। तुम बदल गए हो, या तुम्हारे शहर में शाम नहीं होती।।
जीवन इंसान को उसकी मर्ज़ी से जीने दो, क्योंकि इंसान तभी ख़ुश हो सकता है, जब वह अपनी मर्ज़ी के अनुसार जीता है।।
Reality Gulzar Quotes on Life
जीवन एक सफ़र है, सफ़र के दौरान कुछ लोग हमारे साथ चलते हैं, और कुछ हमें छोड़कर चले जाते हैं, पर हमें आगे बढ़ते रहना होता है।।
जीवन की असली खुशी उस मोड़ पर होती है जब, हम समझते हैं कि जीवन हमें यहां केवल, अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए नहीं मिला है।।
जीवन जीने का सही तरीका यही है, कि हम सभी को मुसीबतों से नहीं डरना चाहिए। बल्कि हमें उन समस्याओं के साथ लड़ना चाहिए। जो हमारे जीवन के सामने आती हैं।।
कोई आपका हक़ तो छीन सकता है, पर कोई आपके हक़ का नहीं छीन सकता॥
Reality Gulzar Quotes on Life
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में, बस हम गिनती उसी की करते हैं, जो हासिल ना हो सका।।
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को, खुद से पहले सुला देता हूँ। मगर रोज़ सुबह ये, मुझसे पहले जाग जाती हैं।।
तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नहीं, तेरे बिना जिंदगी भी लेकिन, जिंदगी तो नहीं।
कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ, किसी की आंख में हमको भी इंतजार दिखे।।
Reality Gulzar Quotes on Life
मौत, तू एक कविता है, एक कविता का वादा है, एक दिन मिलेगी मुझे।।
थोड़ा है थोड़े की जरूरत है, जिंदगी फिर भी यहां खूबसूरत है।
वो बुलंदी किस काम की जनाब, इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जाए।।
झूठे तेरे वादों पे बरस बिताये, जिंदगी तो काटी, ये रात कट जाए।।
कुछ अलग करना है तो, भीड़ से हट के चलें। भीड़ साहस तो देती है, मगर पहचान छिन लेती है।
सोचा न था जिंदगी ऐसी, फिर से मिलेगी जीने के लिए। आँखों को प्यास लगेगी, अपने ही आंसू पीने के लिए।।
दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा, मौसम गुज़रते रहते हैं।।
मैं उसके रूप का शहदाई, वो धूप छांव से हरजाई, वो शोक है रंग बदलता है, मैं रंगरूप का सौदाई।।
आंसू जो रुकने लगे हैं, आंखों में चुभने लगे हैं, नया दर्द दो कोई, तो रो लें।।
मंजिलों से गुमराह कर देते हैं कुछ लोग। हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता।।
आज की रात यूं थमी सी है, आज फिर आपकी कमी सी है।।
आजकल मैं ज़िंदगी के, बताये रास्तों पर चल रहा हूँ।।
ज़्यादा “अच्छा” इंसान, ज़्यादा इस्तेमाल होता है यहाँ।।
बचपन में भरी दुपहरी में, नाप आते थे पूरा मोहल्ला। जब से डिग्रियां समझ में आयी, पांव जलने लगे हैं।।
होंठों पे मुस्कान थी, कंधो पे बस्ता था। सुकून के मामले में, वो जमाना सस्ता था।।
तन्हाई की दीवारों पर, घुटन का पर्दा झूल रहा हैं। बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।।
जायका अलग है, मेरे लफ्जों का। कोई समझ नहीं पाता, कोई भुला नहीं पाता।।
खुशियां तकदीर में होनी चाहिए, तस्वीर में तो हर कोई मुस्कुराता है।।
मुझे फुर्सत कहाँ की मैं, मौसम सुहाना देखूँ। तेरी यादो से निकलूँ, तब तो ज़माना देखूँ।।
मैंने टूटे हुए परिवारों में अक्सर, पढ़े लिखे लोग ही देखे हैं।।
मजबूरी में पहन लो, फिर से उतार दो। हेलमेट सा हो गया है, आज कल का प्यार।।
जीतने के बाद तो, सारी दुनिया गले लगाती है। लेकिन हारने के बाद, जो गले लगाए, सिर्फ वही अपना होता है।।