JCB ka Avishkar किसने किया था? पूरी जानकारी। 2023

क्या आपने कभी यह सोचा है कि इतने बड़े बड़े मकानों तोड़ने तथा निर्माण कार्यों में काम आने वाले इस महत्वपूर्ण मशीन JCB ka Avishkar किसने किया होगा? वर्तमान समय में विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि अगर कोई भी असंभव सा काम संभव हो जाए तो जरा भी आश्चर्य नहीं होता।

ऐसा कौन सोच सकता था कि जिस काम करीब सैकड़ों मजदूर कई दिनों में करते हैं उसी काम को एक मशीन कुछ मिनटों में ही निपटा देगा! चाहे वह गड्डे खोदने का काम हो या किसी घर को गिराने का JCB ka Avishkar के बाद सब सरल हो गया है।

JCB एक ऐसी मशीन है जो बड़े से बड़े काम को चंद मिनटों में पूरी कर देती है तथा इससे व्यक्ति के समय और धन दोनों कि बचत होती है। तो चालिए जानते हैं कि आखिर इस JCB ka Avishkar किसने किया था।

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JCB क्या है?

जेसीबी की बात करें तो यह नाम कंपनी का है, लेकिन इस खुदाई करने वाले वाहन में जेसीबी लिखे होने के कारण भारतीय लोगों ने इस मशीन का नाम जेसीबी रखा है, दरअसल इस मशीन को एक्सकेवेटर के नाम से जाना जाता है।

सबसे पहले हम आपको बता देना चाहते हैं कि जेसीबी कोई मशीन नहीं है। JCB कंपनी का फुल फॉर्म “Joseph Cyril Bamford” है, जिसका नाम इसके संस्थापक के नाम पर रखा गया है। इसके संस्थापक का नाम जोसेफ सिरिल बामफोर्ड है।

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जेसीबी – निर्माण, कृषि, अपशिष्ट प्रबंधन और विध्वंस के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण बनाती है। इसका मुख्यालय रोचेस्टर, इंग्लैंड में स्थित है।

JCB ka Avishkar किसने किया?

JCB एक ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय निगम कंपनी है। कंपनी मुख्य रूप से कृषि और विध्वंस क्षेत्रों के लिए विनिर्माण मशीनरी में काम करती है। जेसीबी कंपनी का आविष्कार होने के 65 साल बाद 2009 में ट्रेडमार्क किया गया था।

जेसीबी कंपनी में कम से कम 11000 लोग कार्यरत हैं। यह कंपनी 300 से ज्यादा तरह की मशीनें बनाने का काम करती है। और इन सभी मशीनों को 150 से ज्यादा देशों में बेचा जाता है।

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JCB का आविष्कार सबसे पहले 1945 में जोसेफ सिरिल बैमफोर्ड ने किया था। जेसीबी मशीन के आविष्कार के बाद भी इस मशीन को कोई नाम नहीं दिया गया। फिर काफी सोच-विचार के बाद जेसीबी का नाम इसके निर्माता के नाम पर रखा गया।

JCB का इतिहास

आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया का सबसे तेज ट्रैक्टर ‘फास्टट्रैक‘ 1991 में जेसीबी कंपनी ने बनाया था। इसकी अधिकतम गति 65 किमी/घंटा थी। आज तक इतनी तेज गति वाला ट्रैक्टर नहीं बना है।

जेसीबी एक्सकेवेटर, व्हील्ड लोडर, ट्रैक्टर, मिलिट्री व्हीकल्स, डीजल मैक्स, वाइब्रो मैक्स बनाती है, यहां तक कि कंपनी ने कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम करने वाले लोगों को ध्यान में रखकर फोन बनाने का लाइसेंस भी ले रखा है।

वर्तमान में जेसीबी मशीन की एक्स सीरीज इसका अपडेटेड वर्जन है। यह मशीन भारत में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है, यह कहीं भी आसानी से दिखाई देती है, इसलिए कंपनी की कुल आय का 17.5 प्रतिशत भारत से आता है।

जब जेसीबी कंपनी की शुरुआत हुई थी तब इसमें सिर्फ 6 लोग शामिल थे, लेकिन अब दुनिया भर में इसके 11 हजार कर्मचारी हैं। कंपनी के फरीदाबाद, पुणे और जयपुर में कारखाने हैं।

जेसीबी का रंग पीला क्यों होता है?

जेसीबी मशीन के रंग की बात करें तो पहले इसे लाल और सफेद रंग में रखा जाता था लेकिन सुरक्षा कारणों से इसका रंग बदलकर पीला कर दिया गया। दरअसल, कम रोशनी में भी पीला रंग साफ दिखाई देता है, जिससे अंधेरे में भी पता चल जाता है कि खुदाई चल रही है.

पीला रंग जल्दी ही आंखों पर पड़कर मन में आ जाता है। इसलिए आजकल अधिकांश निर्माण वाहनों को साइट पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए पीले रंग में रखा जाता है।

आज आपने क्या सीखा?

तो दोस्तों आज के इस लेख में हमने अपक बताया कि आखिर JCB ka Avishkar किसने किया था? दोस्तों अगर आपको इसे संबंधित कोई प्रश्न है तो कृपया उसे कमेन्ट में जरूर बताए और यदि आपको ये लेख JCB ka Avishkar किसने किया था, पसंद आया तो कृपया इसे अन्य लोगों तक जरूर शेयर करें।